सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई तरह-तरह के किसान भाई जुगाड़ लगाकर मशहूर हो जाते हैं और लोगों की तारीफ इकट्ठा कर लेते हैं। हाल ही में एक किसान भाई ने बहुत ही तगड़ा जुगाड़ लगाकर मोकर सायकिल ट्राली का आविष्कार किया है जो मिनी ट्राली का काम आसानी से कर सकती है। यह ट्राली बहुत ही ज्यादा कारगर साबित हुई हैं। साथ ही इसे खेतों के कई काम आसानी से किया जा सकते हैं। किसान भाई के वीडियो में जुगाड़ देखते हैं कि कैसे उन्होंने यह ट्राली का आविष्कार किया है।
किसान भाई ने लगाया रामबाण जुगाड़
किसान भाई ने वीडियो में बताया है कि उन्हें यह ट्राली का आविष्कार खेतों में कई समस्याओं को दूर करने के लिए और कई कार्यों को पूरा करने के लिए बनाई हैं। इस ट्राली का आविष्कार इतना शानदार तरीके से किया गया है कि यह 10 क्विंटल के बराबर वजन लेजाने काम करता है। इस ट्राली से खेतों के कई काम आसानी से किये जा सकते हैं। इसे बहुत ही सारे काम बहुत ही कम समय में आप आसानी से पूरा कर सकते हैं।
जुगाड़ देख लोगों ने करि वाह-वाह
दोस्तों सोशल मीडिया की कई साइट्स पर इस वीडियो को शेयर किया गया है जिसके बाद लोग इस वीडियो को देख कर काफी ज्यादा हैरान रह गए हैं और किसान भाई की बहुत ही ज्यादा तारीफें भी कर रहे हैं। अन्य किसान भाइयों के भी यह जुगाड़ बहुत ही ज्यादा काम आया है जिससे वहां भी इन ट्राली का आविष्कार अपने घर पर ही कर रहे हैं और इसे उनके खेतों की कई समस्या दूर कर रहे हैं और वह आसानी से बहुत ही कम समय में काम कर पा रहे हैं। इस ट्राली से किसान भाइयों को बहुत ही फायदा हुआ है।
Fertilizer For Plants- किसान भाइयों आज हर किसान अपनी फसल में किसी न किसी प्रकार का खाद का प्रयोग करता है आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको यही बताएंगे की कौन से खाद का उपयोग हमें फसल की कौन सी अवस्था में करना चाहिए, व कितना करना चाहिए किसान भाइयों कई बार फसल में हम खाद डाल देते हैं पर हमें यह पता नहीं होता की कौन सा खाद किस समय पर देना चाहिए या फसल की कौन सी अवस्था में कौन-सा खाद देना चाहिए, जानकारी के अभाव के कारण कई किसानों को फसल में नुकसान हो जाताहै साथ ही आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको सभी खाद का उपयोग व कौन सी फसल की अवस्था में कौन सा खाद डालें यह जानकारी देने वाले हैं।
फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्व (खाद) Required Fertilizer For Plants
खाद (Fertilizer) कई प्रकार के पोषक तत्वों का मिश्रण होता है फसल के जीवन काल में फसल को विभिन्न समय में विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि कौन से पोषक तत्व की आवश्यकता पौधों को कौन-से समय में होती है,
कुछ प्रमुख खाद होते हैं जिनका उपयोग हर किसान अपनी फसल में करता है आईए जानते हैं उन खाद के बारे में वह इन खाद का उपयोग फसल की कौन सी अवस्था में करना है।
घुलनशील उर्वरकों का कार्य… Water Soluble Fertilizer For Plants
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इन उर्वरकों को स्टार्टर ग्रेड कहा जाता है। इनमें नाइट्रोजन एमाइड, अमोनिक और नाइट्रेट होते हैं। इन उर्वरकों का उपयोग मुख्य रूप से फसल वृद्धि के शुरुआती चरणों में वनस्पति विकास के लिए किया जाता है।
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इस उर्वरक को मोनो अमोनियम फॉस्फेट कहा जाता है। यह अमोनिक नाइट्रोजन में कम और पानी में घुलनशील फास्फोरस में उच्च होता है। इस उर्वरक का उपयोग नई जड़ों और जोरदार वनस्पति विकास के साथ-साथ फूलों की उचित वृद्धि और प्रजनन के लिए किया जाता है।
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इस उर्वरक को मोनो पोटेशियम फॉस्फेट कहा जाता है यह फास्फोरस और पोटेशियम में समृद्ध है। यह उर्वरक फूल आने से पहले और फूल आने के बाद की अवधि के लिए उपयोगी है अनार की फसल में फलों के उचित पकने के साथ-साथ त्वचा के आकर्षक रंग के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
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इस उर्वरक को पोटेशियम नाइट्रेट कहा जाता है। इसमें नाइट्रोजन कम और पानी में घुलनशील पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। यह उर्वरक फूल आने के बाद और परिपक्व अवस्था में आवश्यक है। यह खाद्य उत्पादन और परिवहन के लिए उपयोगी है। पानी की कमी होने पर यह उर्वरक फसलों को बनाए रख सकता है।
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इस उर्वरक को पोटेशियम सल्फेट कहा जाता है पलाश के साथ इस उर्वरक में उपलब्ध सल्फेट भूरे रंग के बुखार जैसे रोगों को भी नियंत्रित कर सकता है। _यह उर्वरक परिपक्वता अवस्था में उपयोगी होता है। इस उर्वरक का छिड़काव नहीं किया जा सकता है। इस उर्वरक के कारण फसल सूखे की स्थिति का सामना कर सकती है।
किसान भाइयों इस पोस्टमें हमारे द्वारा आपको बताया गया कि कौन सीखाद का उपयोग हमें फसल की कौन सी अवस्था मेंकरना है यदि आप इनमें से किसी भी प्रकार के खाद का उपयोग अपनी फसल में करते हैं तो कपया अपने नजदीकी कृषि सेवा कद्र एवंग्राम सेवक से हाथ की जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
किसान भाइयों ईसी प्रकार से खेती बाड़ी की जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त करने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको कैसी लगी एवं किसी प्रकार के प्रश्न के लिए आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
September Me Konsi Sabji Lagaye (सितंबर में कौन सी सब्जी लगाए):
किसान भाइयों सितंबर माह शुरू होने वाला है और लगभग सभी किसानों के मन में यही सवाल उठता है कि हम सितंबर माह में कौन सी सब्जी लगाए जिससे कि हम अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे की आप सितंबर माह में कौन सी सब्जी की खेती करें ताकि आप अच्छा मुनाफा कमा सकें, सितंबर में कौन सी सब्जी लगाए (September Me Konsi Sabji Lagaye) यह सवाल हर किसान के मन में उठता है सितंबर महीने में बारिशों का दौर जारी होता है लगातार मंण्डीयो में जो सब्जियों के भाव है बहुत तेजी से बढ़ते हुए होते हैं क्योंकि पिछली जितने भी सब्जियां लगी हुई होती है वह खत्म होने के कगार पर या खत्म हो चुकी होती है,
दोस्तों जिन भी किसान भाइयों के पास खेत खाली पड़े हुए होते हैं उनके पास एक अवसर होता है बढ़िया रुपए कमाने का कुछ ऐसी फसले बिल्कुल लागत कम है कुछ ऐसी फसले जिनमें कुछ लागत आप लगाओ लागत जरूर लगेगी लेकिन पिछले दो-तीन सालों से जो ट्रेंड चल रहा है किसानों को लखपति से करोड़पति तक बना दिया है।
इस सितंबर महीने में ऐसी बहुत सी फसले लगाई जाती है जिनमें आप सितंबर महीने में लगाओगे और दिसंबर जनवरी तक आप पैसे कमाओगे कहीं पर लागत कम होगी और कहीं पर लागत अगर होगी भी तो उतना ही जबरदस्त तरीके से आप लोगों को मुनाफा देंगी ऐसी कौन-कौन सी फैसले हैं वह सभी जानकारी आप लोगों के इस पोस्ट के माध्यम से देने जा रहे हैं।
August Me Konsi Sabji Lagaye : अगस्त में बोई जाने वाली 4 सब्जियां
पालक की खेती (Palak ki kheti)
मूली की खेती (Muli ki kheti)
मटर की खेती (Matar ki kheti)
फूलगोभी और पत्ता गोभी की खेती
पालक की खेती (Palak ki kheti)
किसान भाइयों सितंबर माह में यदि आप पालक की खेती करते हैं तो यह फसल आपको काफी मुनाफा देगी क्योंकि अगस्त माह में बोई गई फसल पानी की वजह से खराब हो जाती है जिससे ।सितंबर माह की पालक का मंडी भाव काफी अच्छा देखने को मिलता है पालक एक काफी अच्छी फसल है जो 20 से 25 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है एक एकड़ खेत के लिए लगभग 4-6 किलो बीजों की आवश्यकता होती है। वैसे इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा महीने दिसंबर होता है. उचित वातावरण में पालक की बुवाई वर्ष भर की जा सकती है. पालक की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बुवाई जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में की जा सकती है, जिससे पालक की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है.
पालक की मुख्य रूप से दो प्रकार की किस्मों की खेती की जाती है. देसी और विलायती। किसान अपने क्षेत्रानुसार देसी और विलयती किस्मों का चयन कर सकते हैं. भारत में पालक की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों में आल ग्रीन, पूसा हरित, पूसा ज्योति, बनर्जी जाइंट, जोबनेर ग्रीन हैं.
किसान भाइयों सितंबर माह आखिरी सप्ताह में यदि आप मटर की अगेती की खेती करते हैं तो आपको काफी अच्छा मुनाफा यह खेती दे सकती है किसान भाइयों वैसे तो मटर की खेती कई किसान अक्टूबर माह में करते हैं पर अगर आप मटर की आगे की खेती सितंबर माह में करते हैं तो आपको मटर से काफी अच्छा मुनाफा मिलेगा शुरुआत में मटर के भाव ₹80 से लेकर 100 रुपए किलो तक भी मंडीयो में देखने को मिलते हैं तो किसान भाइयों यदि आप अगेती की मटर की खेती करना चाहते हैं तो सितंबर मा काफी उपयुक्त समय है आप आप एक बात का ध्यान रखिए अगेती मटर के लिए बीज का चुनाव अच्छे से करें कई वैरायटी है जो मटर आने में लंबा समय लेती है अगेती मटर की खेती के लिए आपको जल्दी मटर लग जाए उन बीच का चुनाव करना है,
इसकी खेती के लिए मटियार दोमट और दोमट भूमि सबसे उपयुक्त होती है। जिसका पीएच मान 6-7.5 होना चाहिए।
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मूली की खेती (Muli ki kheti)
किसान भाइयों अगर आप सब्जी की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मूली की खेती भी आप कर सकते हैं सितंबर माह में मूली की खेती की जा सकती है किसान भाइयों मूली की खेती से आपको 30 से 35 दिन में ही मूली हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है वैसे देखा जाए तो कई किसान मोदी की खेती अक्टूबर व नवंबर माह में करते हैं यही कारण है कि यदि आप मूली की खेती सितंबर माह में टपके हैं तो इसका मंडी भाव आपको काफी अच्छा मिलेगा और मुनाफा भी काफी अच्छा मिलेगा।
किसान भाइयों सितंबर के माह में आप फूलगोभी और पत्ता गोभी की खेती भी कर सकते हैं फूलगोभी और पत्ता गोभी काफी कम समय में अच्छा मुनाफा देने वाली रहती है फूलगोभी और पत्ता गोभी के बीज को सीधे खेत में नहीं बोते हैं पहले पोध शाला में इसके पौधे तैयार करके फिर खेत में बुवाई की जाती है इस उपज की अवधि 60 से 120 दिन तक की होती है फूलगोभी की खेती यों तो सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती, परन्तु अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट भूमि जिसमें जीवांश की प्रचुर मात्रा उपलब्ध हो, काफी उपयुक्त है। इसकी खेती के लिए अच्छी तरह से खेत को तैयार करना चाहिए।
अगर आप सितंबर महीने में फूलगोभी की खेती करना चाहते हैं तो आप इसकी कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में हिमरानी, पुष्पा, पूसा सुभ्रा, पूसा हिम ज्योति और पूसा कतकी आदि किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
Disclaimer
किसान भाइयों इस पोस्ट में हमारे द्वारा आपको बताया गया कि आप सितंबर माह में कौन-कौन सी सब्जी की खेती कर सकते हैं यदि आप सितंबर माह में इनमें से किसी भी प्रकार की सब्जी की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने एरिया के वातावरण की जांच अवश्य कर ले एवं किसी प्रकार की सब्जी बोने का निर्णय अपने स विवेक से ले, किसान भाइयों इसी प्रकार की खेती बाड़ी से जुड़ी जानकारी आप अपने व्हाट्सएप नंबर पर प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को जॉइन अवश्य करें।
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Lahsun Ki Kheti – किसानों के लिए लहसुन(Garlic) एक मुख्य फसल है लहसुन ही एक मात्र ऐसी फसल है जिससे किसान सबसे अधिक मुनाफा कमाता है और लहसुन ही एक ऐसी फसल है जिसमें नुकसान भी किसान को सबसे अधिक होता है लहसुन में सबसे जरूरी जो होता है वह है उसका उत्पादन और क्वालिटी अगर यह दोनों किसान को अच्छे से प्राप्त होता है तभी किसान अच्छा मुनाफा ओर लाभ प्राप्त करता है और अगर उत्पादन अच्छा नहीं आता है तो किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है, और नुकसान इस हद तक होता है की घाटा पूरा करने के लिए किसान को दूसरी फसल का आया पैसा इसमें लगाना पड़ता है अगर हमें लहसुन से अच्छा लाभ कमाना है तो इसकी शुरुआत हमें शुरू से ही करनी होगी क्योंकि जो शुरू में हम बेसल डोज में जो देते हैं वही फसल के लिए सबसे उपयोगी होता है ऐसा बिल्कुल भी संभव नहीं है कि हम बेसल डोज में कुछ न देकर बाद में कुछ देकर उत्पादन अच्छा निकाल पाए।
किसी भी फसल के लिए उसकी शुरुआती अवस्था ही मुख्य होती है, इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि हम फसल में शुरुआती अवस्था में क्या दें, लहसुन या कोई भी फसल में अच्छा उत्पादन के लिए सबसे जरूरी होता है खेत में कार्बन की मात्रा अगर खेत में कार्बन की मात्रा सही नहीं होगी तो उत्पादन भी सही नहीं होगा, खेत में कार्बन गाय के गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद आदि को डालकर बढ़ा सकते हैं। जिससे अच्छा उत्पादन प्राप्त हो कार्बन ही फसल के लिए सबसे जरूरी होता है कार्बन के खेत में होने से फसल को नाइट्रोजनN, फास्फोरसP, पोटाशK और जो भी मुख्य पोषक तत्व है जो फसल के लिए जरूरी होते हैं वह अच्छे से उपलब्ध हो पाते हैं और फसल भी अच्छी पैदा होती है अगर खेत में कार्बन की मात्रा अच्छी होती है तो जो हम डीएपी(DAP) पोटाश(Potash) डालते हैं वह अन्य खेत की बजाय जीस खेत में कार्बन की मात्रा अधिक होती है उसमें दोगुना काम करता है अब आईए जानते हैं कि हम और कौन से खाद स्पेशल डोज में डालें जिससे अच्छा उत्पादन प्राप्त हो और कितनी मात्रा में डालें और क्या-क्या सावधानियां रखें।
लहसुन में सबसे जरूरी जरूरी जो है वह वह है बीज उपचार तो किसान भाइयों आप लहसुन में भी उपचार अवश्य करें, और बीज उपचार हमेशा कंपनी का ही ले और साथ में उसमें कीटनाशक भी मिलाए ऐसा ना हो कि आपको दुकानदार उसके पास उपलब्ध न होने के कारण किसी भी कंपनी का पकड़ा दे इसका ध्यान आप मुख्य रूप से रखें।
लहसुन में कौन सी खाद सबसे ज्यादा जरूरी?(Lahsun Ki Kheti)
खाद की बात करें तो मुख्य रूप से जो पोषक तत्व काम करते हैं वह NPK- नाइट्रोजन(N), फास्फोरस(P), और पोटाश(K) है , उसके बाद जिसकी सबसे अधिक जरूरत होती है वह है सल्फर (Sulfer) जिंक(ZN) फेरस(Feras Sulfate) मैग्नीशियम(MG) लहसुन में इन्हीं पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो किसान भाइयों ऐसा भी ना हो कि आप अंधाधुन खेत में यह खाद डाल दे, खाद उतनी ही दे जितनी जरूरत हो। अगर आप ज्यादा भी डाल देंगे तो उसका कोई लाभ नहीं मिलेगा ऐसा नहीं हो कि आप किसी की बातों में आकर जितने खाद की जरूरत नहीं हो उससे ज्यादा डाल दे जिससे आपकी लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाए और लाभ कम मिले तो खाद उतनी ही दे जितनी फसल को जरूरत हो ।
अगर आप खाद ले रहे हैं या कोई किट ले रहे हैं तो यह बात जान लें कि इसमें जो मिल रहा है वह फसल के लिए जरूरी है या नहीं, ऐसा ना हो कि आप दुकानदार की बातों में आकर कुछ भी डालते जाए आप खुद अपनी किट बनाकर भी डाल सकते हैं क्योंकि बाजारों में आ रही कंपनियों की कीटों से सस्ती भी रहेगी और ज्यादा गुणकारी होगी किसान भाई जो की डालते हैं उसमें कंपनी वह भी चीज मिलाकर भेज देती हैं जिनकी फसल को जरूरत नहीं होती है तो इस बात का आप जरूर ध्यान रखें आईए जानते हैं बेसल डोज में फसल के लिए कितनी खाद जरूरी है।
लहसुन बेसल डोज एकड़ के हिसाब से (Garlic Besal dose per acre)
गोबर की खाद — 5 से 10 टन या वर्मी कंपोस्ट 6 से 8 बैग
लहसुन में सबसे अच्छे बीज उपचार (Best Garlic Seed Treatment)
लहसुन बीज उपचार के लिए फफूंद नाशक कार्बेन्डाजिम12%+मैंकोजेब 63% डब्ल्यू.पी. या थीरम या कैप्टान 2 ग्राम/किलो बीज की दर से उपचारित करे। और कीटनाशक के लिए थाइमेथोक्साम 30% एफ.एस. 2 मिली./किलो बीज की दर से उपचारित करे। जैविक बीज उपचार के लिए ट्राइकोडर्मा या स्यूडोमोनास 2 ग्राम/किलो बीज की दर से उपचारित करें
कीटनाशक।
खरपतवार नाशक के रूप में पेंडीमेथालिन 38.7% सीएस 700मिली/एकड़ की दर से बुवाई के बाद छिड़काव करके फिर सिंचाई करे।
“किसान भाइयों इस पोस्ट के माध्यम से बताया गया है कि लहसुन में बेसल डोज में कौन सा खाद डालें यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इस पोस्ट को अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें एवं ऐसे ही खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त करने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन अवश्य करें।”
Neemuch Mandi Garlic Price 23 August 2024: किसान भाइयों हमारी वेबसाइट कृषि-जानकार पर आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है किसान भाइयों कृषि-जानकार (www.krishijankar.com) वेबसाइट पर रोजाना मंण्डीयो के भाव अपडेट किए जाते हैं यदि आप रोजाना मंण्डीयो के भाव अपने मोबाइल पर देखना चाहते हैं तो कृषि-जानकार वेबसाइट को फॉलो अवश्य करें।
किसान भाइयों हमारी वेबसाइट www.krishijankar.com के माध्यम से हम आपको समय-समय पर मंडी अवकाश व मंडी भाव की जानकारी प्रदान करते हैं यदि मंडी से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी जैसे मंडी भाव, अवकाश सूचना आप अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं.
“गरोठ तहसील के देवरिया गांव किसान कमलेश पाटीदार ने खड़ी सोयाबीन फसल पर चलाया 02 ट्रैक्टर, उपज के भाव नही होने से मजबूर होकर जोत डाला 10 बीघा खेत”
Soybean Fasal News : आज के समय में किसान खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हर तरह से कड़ी मेहनत कर रहा है लेकिन उपज का सही दाम न मिलने के कारण किसान को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है एक तरफ खाद बीज व दवाइयों का दाम प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है परंतु किसान को उसकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है आज हम ऐसे ही एक किसान के बारे में बात करेंगे जिन्होंने अपनी खड़ी 10 बीघा की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। जी हां दोस्तों कमलेश पाटीदार ग्राम देवरिया तहसील गरोठ जिला मन्दसौर ने अपनी सोयाबीन का दाम कम मिलने के कारण अपनी 10 बीघा की सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर चला कर उसे नष्ट कर दिया आईए जानते हैं उनका इस बारे में क्या कहना है।
कमलेश पाटीदार ग्राम देवरिया
में कमलेश पाटीदार ग्राम देवरिया तहसील गरोठ जिला मन्दसौर मध्यप्रदेश से हु मेने लगभग 10 बीघा जमीन जिसमे सोयाबीन की फसल लगाई थी जिसे आज रक्षाबन्धन के दिन रोटावेटर से हकाई करवा दी है ।
में कई वर्षों से सोयाबिन की खेती करते आ रहा हु लेकिन आज के हालातों में सोयाबिन की खेती करना मुझे घाटे का सोदा लग रहा है मेने पिछले वर्ष की 140 कुंटल सोयबीन 16 अगस्त 2024 को 3800 रुपये कुंटल में बेची जिससे लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है आज की परिस्थिति में सोयबीन बोने से अच्छा है खेत को खाली रख दिया जाए ताकि खेत की उर्वरा शक्ति बची रहे में सभी किसान भाइयों से यही कहूंगा कि आने वाले समय मे अगर सोयाबिन 3000 से 3500रुपये कुंटल बिकता है तो सोयाबीन की खेती पूरी तरह से घाटे का सौदा होगा आज तमाम तरह की दवाइया खाद बीज की कीमतें आसमान छू रही है व किसानों की फसल आज भी वही 3000 से 4000 कुंटल बनी हुई है में किसान भाइयों से यही कहूंगा कि सोयाबीन की फसल बोने से अच्छा है कि खेत खाली रख दे या ऐसी फसल बोये जिससे लागत निकालना आसान हो।
सरकार और देश का पेट भरने के चक्कर मे कब तक हम अपने परिवार व जमीन का बलिदान देंगे।
#मंदसौर के #गरोठ में चौंकाने वाला, फिर से चिंता बढ़ाने वाला घटनाक्रम हुआ! किसान श्री कमलेश पाटीदार जी ने #सोयाबीन की फसल पर केवल इसलिए ट्रैक्टर चला दिया, क्योंकि बाजार का भाव नफा की बजाय नुकसान का सौदा दे रहा था!@DrMohanYadav51 जी,
कृषि कल्याण के झूठे दावे @BJP4India की पहचान… pic.twitter.com/c5Unjzytsz
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Soybean Girdle beetle: नमस्कार किसान भाइयों हम बात करने वाले हैं सोयाबीन में लगने वाले किट इल्ली और गर्डल बीटल के बारे में इनको रोका जा सकता है, और कंट्रोल किया जा सकता हे, जैसा कि हम जानते हैं की सोयाबीन फूल की अवस्था में हो चुकी है और अब इसमें किट भी देखने को मिल रहे हैं यही सही समय है हमें किट को रोक कर ज्यादा उत्पादन लेने का।
इल्ली- गर्डल बीटल (soybean Girdle beetle) सोयाबीन में बहुत बड़ी समस्या है जो ज्यादा लग जाए तो सोयाबीन का उत्पादन आधा भी रह सकता है 30 जुलाई से लेकर 15 अगस्त तक इसका प्रकोप काफी देखने को मिलता है सोयाबीन की फसल घनी होने पर फसल में चक्र भृंग (गिर्डल बीटल) का प्रकोप अधिक होने की संभावना होती है। इसके लिए शुरूआती अवस्था में ही (एक सप्ताह के अंदर) दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई/लटकी हुई पत्तियों को तने से तोड़कर जला दे या खेत से बाहर करे। एवं रोकने के लिए हमें कौन सा कीटनाशक उपयोग कर सकते हैं आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको यही बताने का प्रयास करेंगे,
गर्डल बीटल क्या है (what is Girdle Beetle)
सोयाबीन की फसल (Soybean ki Fasal) में लगने वाले कीट चक्र भृंग (गर्डल बीटल) (Soybean Girdle Beetle)को सोयाबीन तना छेदक के रूप में भी जाना जाता हैं। इस कीट की सुंडी मुलायम शरीर और काले सिर के साथ सफेद रंग की होती हैं। गर्डल बीटल मादा कीट वयस्क तना या शाखाओं पर दो गोलाकार छल्ले बनाती हैं और इन छल्लों के बीच में अंडे देती हैं। कीट द्वारा बनाये गए छल्ले तने पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। यह कीट पौधे के तने में प्रवेश कर उसके आंतरिक भाग को खा जाती है, जिसके कारण पत्तियां सूख जाती हैं। यह किट तने में से प्रवेश कर पौधे में नीचे की तरफ बढ़ता है और पूरे पौधे को खोखला कर उसे खत्म कर देता है आमतौर पर अगस्त से सितंबर के दौरान संक्रमण अधिक रहता है.
गर्डल बीटल से बचाव के उपाय (soybean Girdle beetle)
हर साल फसल चक्र का पालन करें।
मानसून की शुरुआत के बाद फसल में संक्रमण कम रहता है। जल्दी बुवाई करें।
आम तौर पर अगस्त – सितंबर के दौरान संक्रमण अधिक रहता है।
एनआरसी -12 और एनआरसी -7 जैसी किस्मों का चयन करें।
संक्रमित पौधे के हिस्सों को नियमित रूप से इकट्ठा करें और नष्ट करें।
अनुशंसित बीज दर का पालन करें। यदि इकाई क्षेत्र में पौधे की संख्या अधिक है, तो संक्रमण बढ़ता है।
फसल की कटाई के बाद फसल के अवशेषों को नष्ट करें।
फसल को खरपतवार मुक्त रखें।
अत्यधिक नाइट्रोजन वाले उर्वरकों के उपयोग से बचें।
इमिडाक्लोप्रिड 600 एफएस @ 9मिली प्रति किलो बीज की दर से बीज उपचार कर बुवाई करें।
गर्डल बीटल के लिए अच्छे कीटनाशक (Soybean Girdle Beetle insecticide)
किसान भाइयों हम आपको ऐसे दो कीटनाशक के बारे में बताएंगे जिनका प्रयोग कर आप आसानी से गर्डल बीटल(soybean Girdle beetle) पर कंट्रोल कर सकते हैं।
यह कंटेंट आपको बार की सोलोमन(Solomon) में मिल जाएगा, आप किसी और कंपनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं तो आईए बात करते हैं सोलोमन – बीटा सायफ्ल्यूथ्रिन 8.49% इमिडाक्लोप्रिड 19.81% ओ डी फॉरमुलेशन के बारे में ओ डी याने ऑयल डिशपरजन मतलब यह ऑयल बेस प्रोडक्ट होता है जो बारिश आने पर भी काम करता है अब बात करते हैं हम इसके मोड ऑफ एक्शन के बारे में इसमें दो कंटेंट होने पर यह दो तरह से काम करता है बीटा सायफ्ल्यूथ्रिन 8.49% (Beta-Cyfluthrin 8.49%) यह कांटेक्ट इंसेक्टिसाइट है जो कीटों के संपर्क में आने पर तुरंत काम करता है और इमिडाक्लोप्रिड 19.81% (Imidacloprid 300 19.81% OD) यह एक सिस्टमैटिक इंसेंटिसाइड जो कीटों के नर्वस सिस्टम पर काम करता है यह दोनों कंटेंट मिलकर कीटों को पैरालाइज करके मारने का काम करते हैं।
यह कंटेंट आपको सिजेंटा की अलिका में मिलेगा आप किसी और कंपनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं तो आईए बात करते हैं इस प्रोडक्ट के बारे में इसमें भी दो कंटेंट होने के कारण यह भी दो तरीके से काम करता है यह zc फॉर्मूलेशन में आता है zc यानी जीओन कैप्सूल यह छोटे-छोटे कैप्सूल में बटा होता है जैसे ही हम इस पानी में घोलते हैं वह सारे कैप्सूल पानी में घुल जाते हैं और अच्छे से कार्य करते हैं अब बात करते हैं कंटेंट के बारे में,
थियामेथोक्साम12.6% (thiamethoxam 12.6%w/w)
यह एक सिस्टमिक इंसेक्टीसाइड है यह पौधे के अंदर प्रवेश कर किट को करने का काम करता है इस अंतर प्रवाही कीटनाशक भी कहते हैं, यह इतना ज्यादा सिस्टमिक है कि यह पौधे से फूल और फूलों से तने तक में पूरी तरह से पौधे में प्रवेश कर जाता है यह किट के के पेट में जाकर किट को को मारता है किट के नर्वस सिस्टम पर काम करता है उसे मारने का काम करता है,
यह है कांटेक्ट इंसेक्टीसाइड हैं यह आपको और भी प्रोडक्ट में देखने को मिल जाएगा पर यह उनमें कम मात्रा में आता है यह कीटों के संपर्क में आने पर उन्हें पैरालाइज कर उन्हे भूखा ही मार देता हैं इसका कांबिनेशन आप किसी के भी साथ बेझिझक कर सकते हैं।
इसका छिड़काव करने के एक के 1 घंटे बाद बारिश भी आ जाए तो यह 100% काम करता है इसका रेनफास्टनेस 1 घंटे का है इसकी एक्टिविटी 9 दिनों की है यह 9 दिनों तक बहुत अच्छे से कार्य करता है।
डोज (Dose)
इसका इस्तेमाल 100 एम एल प्रति एकड़ कर सकते हैं।
किट
सफेद मक्खी गर्डल बीटल (Girdle beetle) थ्रिप्स सेमीलूपर फल छेदक जैसे सभी प्रकार के कीटों को नियंत्रित करता हैं।
Disclaimer/Note –
किसान भाइयों इस आर्टिकल के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको सिर्फ गर्डल बीटल (Girdle beetle), कीटनाशक व कीट के बारे में जानकारी देना है हम किसी भी प्रकार के कीटनाशक का प्रचार प्रसार या किसानों को कीटनाशक का स्प्रे करने के लिए प्रेरित नहीं करते हैं,यदि आप किसी भी प्रकार के कीटनाशक का प्रयोग करते हैं तो उसके बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त करें एवं कीटनाशक स्प्रे करने के बाद शारीरिक समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपको इनफॉर्मेटिव लगा होगा और आप चाहो तो अपने दोस्तों के साथ इस इनफार्मेशन को शेयर कर सकते हैं। यदि आप खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं।
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Neemuch Mandi:अवकाश सुचना अगस्त माह में नीमच मंडी में कितने दिन अवकाश रहेगा, व्यापारीसंघ नीमच मंडी प्रांगण द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर अगस्त माह में नीमचमंडी में 12 दिन का अवकाश रहेगा.
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इस माह के संभावित मंडी अवकाश/Neemuch mandi holiday
रविवार दिनांक 04/08/2024
द्वितीय शनिवार दिनांक 10/08/2024 बैंक अवकाश
रविवार दिनांक 11/08/2024
दिनांक 12/08/2024 चतुर्थ सोमवार श्रावण माह
दिनांक 15/08/2024
स्वतंत्रता दिवस सरकारी छुट्टी
रविवार दिनांक 18/08/2024
सोमवार दिनांक 19/08/2024 रक्षाबंधन पर्व सरकारी छुट्टी
चतुर्थ शनिवार दिनांक 24/08/2024 बैंक अवकाश
रविवार दिनांक 25/08/2024
सोमवार दिनांक 26/08/2024 कृष्ण जन्माष्टमी सरकारी छुट्टी
*व्यापारी संघ मंडी प्रांगण नीमच*
Disclaimer: अवकाश सूचना का व्यापारी संघ मंडी प्रांगण नीमच द्वारा दी गई सूचना के आधार पर पर है अवकाश में किसी भी प्रकारका बदलाव नीमच मंडी समिति द्वारा किया जा सकता है यदि आप मंडी प्रांगण में अपना माल बेचने जाते हैं तो अवकाश के बारे में नीमच मंडी मैं संपर्क अवश्य करें।
Weather update किसानों की अच्छी बारिश की आस अब हुई पूरी अब 28 के बारिश के बाद लगेगा ब्रेक
Devilal Patidar Chirola:नमस्कार दोस्तो जैसा की आप जानते हे हमने इन विपरीत परिस्थितियों में आपको 17 जुलाई को सोयाबीन फार्मर फेसबुक ग्रुप पर लाइव विडियो के माध्यम से 10 दिनों के मौसम 17 से 27 जुलाई के मौसम की जानकारी दी थी , उसके अनुरूप लगभग स्थानों पर अच्छी बारिश देखने को मिली हे हालांकि शुरुआत में निराशा हाथ लगी थी परंतु जेसे जेसे दिन निकले अच्छी बारिश की सुरूआत होने लगी ,
जानिए अगले 10 दिनों का मौसम पूर्वानुमान दिनांक 28 जुलाई से 7 अगस्त तक
जय श्री राम मित्रो , अब कल यानी 28 को कही हल्की तो कही माध्यम बारिश जारी रहेगी उसके बाद 29 जुलाई से 2 अगस्त तक बारिश पर ब्रेक लगेगा इस दौरान कृषक मित्र अपना कृषि संबंधित कार्य कर सकते हे । उसके बाद 3 से 5 तक इक बार फिर बारिश का दौर सुरु होगा इन दो तीन दिन की बारिश के बाद मोसम साफ होने की संभावना हे,
ये जानकारी उन सभी जिलों के लिए है जिनकी बात हम हरबार करते हे ,जेसे नीमच , मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन , खंडवा, धार उज्जैन, राजगढ़ हरदा बैतूल आदि।