लहसुन में खरपतवार नियंत्रण (Lahsun Me Kharpatwar Nashak)
Lahsun Me Kharpatwar Nashak:किसान भाइयों लहसुन की लगभग 80 से 90% तक हर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है अब बात आती है लहसुन में खरपतवार नियंत्रण की लहसुन में खरपतवार नियंत्रण बहुत आवश्यक है यदि आप लहसुन में खरपतवार नियंत्रण नहीं करते हैं तो लहसुन में काफी रोग व बीमारियां आ जाती है जिससे आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए किसान भाइयों समय रहते लहसुन में खरपतवार नियंत्रण अवश्य करें, आज हम आपको कुछ ऐसी तकनीक के बारे में बताएंगे जिसका उपयोग करके आप आसानी से लहसुन में खरपतवार नियंत्रण कर सकते हैं ।
लहसुन में पाए जाने वाले कुछ खरपतवार(lahsun me Kharpatwar)- मोथा, कांग्रेस घास, कंटाचैलाई, जंगली चैलाई, बथुआ, पर्सलेन, सबुनी, वन्य पॉएनसेटिया।
लहसुन में खरपतवार नियंत्रण के उपाय (Lahsun Me Kharpatwar Nashak)
-
निदाई-गुडाई
-
पेड़ामेंथिलीन 30 ई. सी.(Pendimethalin 30 % EC)
-
अदामा डेकेल प्रोपाक्विज़ाफॉप 5% + ऑक्सीफ्लोरोफेन 12% ईसी (ADAMA Dekel Propaquizafop 5% + Oxyflurofen 12% EC)
निदाई-गुडाई
जड़ों में उचित वायु संचार हेतु खुरपी या कुदाली द्वारा बोने के 25-30 दिन बाद प्रथम निदाई-गुडाई करें एवं दूसरी निदाई-गुडाई 45-50 दिन बाद करनी चाहिए।
पेड़ामेंथिलीन 30 ई. सी.(Pendimethalin 30 % EC)
यह एक क्रांतिकारी खरपतवार नाशक है | इसके उपयोग से आपकी फसल को मिले खरपतवारो से लंबी सुरक्षा मीलती है
लहसुन में खरपतवार नियंत्रण हेतु पेड़ामेंथिलीन 30 ई. सी. 1.3 लीटर बुआई के बाद 0 -3 के अंदर अंकुरण पूर्व 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करना चाहिए। या ऑक्सिफलौरफेन 23.5% ई. सी. 300 मिली प्रति एकड़ बुआई के पूर्व या बुआई के शीघ्र बाद 200 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें। यह आपको मार्केट में टाटा पनीडा एवं दोस्त सुपर के नाम से उपलब्ध हो जाएगा। टाटा पनीडा का इस्तेमाल नमी वाली मिट्टी पर ही करना चाहिए, एक एकड़ ज़मीन पर डेढ़ लीटर टाटा पनीडा का छिड़काव करना चाहिए।
अदामा डेकेल प्रोपाक्विज़ाफॉप 5% + ऑक्सीफ्लोरोफेन 12% ईसी (ADAMA Dekel Propaquizafop 5% + Oxyflurofen 12% EC)
डेकेल(Dekel) को खरपतवारों पर उगने के बाद तब प्रयोग किया जाना चाहिए जब वे 2-4 पत्तियों की अवस्था में हों और मिट्टी में पर्याप्त नमी होना चाहिए। डेकेल लहसुन की फसल में घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों दोनों के लिए एक अद्वितीय, मजबूत संपर्क और व्यापक स्पेक्ट्रम वाला शाकनाशी है। यह दो अलग-अलग क्रियाविधि वाले दो सक्रिय तत्वों को जोड़ता है। इसमें दो सक्रिय घटक हैं (प्रोपाक्विज़ाफॉप 5%+ऑक्सीफ्लूऑरफेन 12% इसी) और दोनों का काम करने का तरीका अलग है। एक अजीब पदार्थ बनने को रोखता है तो दूसरे कप्स की मेम्ब्रेन में छेद करता है। इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। डोज 350 मिली प्रति एकड़ है।
Note – किसान भाइयों आज इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया कि लहसुन में खरपतवार नियंत्रण कैसे करना चाहिए किसान भाई यदि आप इनमें से किसी भी प्रकार के खरपतवार नाशक का उपयोग अपने खेत में करना चाहते हैं तो कृपया अपने नजदीकी कृषि सेवा केंद्र या कृषक सलाहकार की सलाह अवश्य लें।
किसान भाइयों हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अवश्य बताएं एवं इसी प्रकार की जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त करने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को जॉइन अवश्य करें।
ये भी पढ़ें –