रबी विपणन वर्ष 2025-26 हेतु चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है।
अंतिम तिथि 17 मार्च की गई निर्धारित
MSP 2024-25 रबी विपणन वर्ष 2025-26 हेतु चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के पंजीयन की अंतिम तिथि 10 मार्च 2025 निर्धारित की गई थी, जिसे शासन द्वारा बढ़ाकर 17 मार्च 2025 निर्धारित कर दी गई थी, जिसे एक बार पुनः बढ़ाकर 21 मार्च 2025 कर दी गई है। उप-संचालक कृषि श्री प्रजापति नें समस्त किसान बंधुओ से आग्रह किया है, निर्धारित अवधि में चना, मसूर एवं सरसों का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर निर्धारित पंजीयन केंद्रों, सीएससी सेंटर, कियोस्क सेंटर या एमपी किसान ऐप के माध्यम से पंजीयन करा सकते हैं।
31 मार्च तक कर सकेंगे किसान गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन
जिन किसानों ने अबतक गेहूं उपार्जन के लिए रबी विपणन वर्ष 2025-26 में पंजीयन नहीं करवाया है तो वो 31 मार्च 2025 तक करवा सकते हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में अबतक 2.98 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवा लिया है.
गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी MSP 2024-25
रबी विपणन वर्ष 2025-26 में भारत सरकार की ओर से समर्थन मूल्य में 150 प्रति क्विंटल की वृद्धि करते हुए 2425 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों से 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जाएगी.
विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2024-25 Rabi
(रुपये प्रति क्विंटल)
गेहूं की एमएसपी – 2275 रुपये से बढ़ाकर 2425 रुपये
जौ की एमएसपी – 1850 रुपये से बढ़ाकर 1980 रुपये
चना की एमएसपी – 5440 रुपये से बढ़ाकर 5650 रुपये
मसूर की एमएसपी – 6425 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये
रैपीसीड/सरसों की एमएसपी – 5650 रुपये से बढ़ाकर 5950 रुपये
कुसुम की एमएसपी – 5800 रुपये से बढ़ाकर 5940 रुपये
MSP क्या है या मिनिमम सपोर्ट प्राइस?
न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है, जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे, सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
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