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Soybean ki fasal- सोयाबीन में फल्ली स्टेज में डालें यह खाद, होगी बंपर पैदावार

By Krishi Jankar

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Soybean ki fasal

Soybean ki fasal:किसान भाइयों आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से सोयाबीन में दिए जाने वाले दो पोषक तत्वों के बारे में बताएंगे जिनका उपयोग करके आप सोयाबीन में अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं किसान भाइयों अभी लगभग सोयाबीन 50 से 60 दिन के लगभग हो चुकी है और सोयाबीन में फलिया आना शुरू हो गई है ऐसे में हमें कई प्रकार के पोषक तत्वों की पूर्ति करना आवश्यक होता है जिससे कि हम सोयाबीन की अच्छी पैदावार ले सकें,

Soybean ki fasal me khad

जैसा कि हम जानते हैं कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती काफी की जाती है इस समय लगभग हर क्षेत्र में सोयाबीन 50 से 60 दिन के लगभग हो चुकी है और सोयाबीन में फली आना शुरू हो गई है किसान भाइयों खेत से प्रतिवर्ष सोयाबीन का उत्पादन कम होता जा रहा है क्योंकि बार-बार सोयाबीन की फसल (soybean ki fasal) बोने से जमीन में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिससे पैदावार कम होती है ऐसे में हमें सोयाबीन की फसल में पोषक तत्वों की पूर्ति करना आवश्यक है जिससे कि पैदावार अच्छी ले सकें एवं दाना मोटा व चमकदार बने आज हम आपको ऐसे दो पोषक तत्वों के बारे में बताएंगे जिनका स्प्रे या प्रयोग करके आप अच्छी पैदावार ले सकते हैं किसान भाइयों इन दो खादो का प्रयोग करना सोयाबीन में बहुत जरूरी है साथ ही सोयाबीन में अगर किसी अन्य प्रकार का किट या फंगस का अटैक हो तो आप उनका स्प्रे भी उनके साथ कर सकते हैं किसान भाइयों पिछली पोस्ट में हमारे द्वारा बताया गया था कि किस प्रकार आप गर्डल-बिडल पर कीटनाशक का स्प्रे करके रोक लगा सकते हैं यदि आप वह पोस्ट पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके जरूर पढ़ें।

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पोषक तत्व क्या है?

मिट्टी में कुल 16 पोषक तत्व होते है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्सियम, मैग्नीशियम,सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, बोरान, मैगनीज, मोलिबडनम, क्लोरीन है। यह सभी फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व है जो सभी प्रकार के पौधे और फसलों के जीवनचक्र के लिए जरुरी है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है।

सोयाबीन की फसल (Soybean ki fasal) के लिए 2 आवश्यक पोषक तत्व

किसान भाइयों वैसे तो सोयाबीन में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करना बहुत जरूरी होती है लेकिन फली स्टेज में इन दो पोषक तत्वों का प्रयोग करके आप अच्छी पैदावार व दाना चमकदार बना सकते हैं ऐसे दो पोषक तत्व हैं बोरॉन एवं पोटाश, सोयाबीन (Soybean ki fasal) की फली स्टेज में बोरॉन एवं पोटाश की पूर्ति करना अति आवश्यक होता है जिससे कि हम सोयाबीन की अच्छी पैदावार ले सकें। सोयाबीन में 50 से 60 दिन के बीच बोरॉन एवं पोटाश का स्प्रे अवश्य करें। तो लिए किसान भाइयों आप जानते हैं सोयाबीन में बोरॉन व पोटाश के उपयोग के बारे में,

Soybean me potash

सोयाबीन में बोरॉन का महत्व

जैसा की हम जानते हैं कि बोरॉन फसलों के लिए एक मुख्य पोषक तत्व भी माना जाता है जब सोयाबीन (Soybean ki fasal) में फलिया आती है या 50 से 60 दिन की अवस्था हो जाती है तब हम बोरॉन का उपयोग कर सकते हैं यदि आप सोयाबीन में बोरॉन का उपयोग करना चाहते हैं तो आप मार्केट से बोरॉन 20% ले सकते हैं यह बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है बोरॉन 20 यह एक सूक्ष्म पोषक तत्व है इस प्रोडक्ट में कंटेंट बोरॉन 20% पाया जाता है यह पानी में
100% घुलनशील उर्वरक है जो फसल में बोरॉन की कमी को पूर्ण करता है और फसल वृद्धि के साथ गुणवत्ता युक्त उत्पादन को बढ़ाता है। यह पौधों में कोशिका को बढ़ाता देता है जिससे फूलों और फलों की संख्या में वृद्धि होती है और फूलों के झड़ने से रोकता है। यह उपयोग से फलों की फटने के समस्या तुरंत ख़त्म हो जाती है।
इसके उपयोग के बाद यह नई कोशिका निर्माण और जड़ विकास में मदद करता है और प्रोटीन और अमीनो एसिड के निर्माण में मदद करता है। जिससे फूलों एवं फलों की संख्या बढ़ती है और उत्पादन बढ़ता है।

बोरॉन का उपयोग एवं मात्रा

फसल का नाम – सोयाबीन की फसल(soyabean ki fasal)
उपयोग के फायदे – यह फूलों और फलों की सेटिंग को बढ़ाता है और झड़ने से बचाता है
मात्रा/एकड़ – 1 ग्राम/लीटर (150 ग्राम प्रति एकड़ स्प्रे)

सोयाबीन में पोटाश का महत्व

किसान भाइयों पोटाश को फसलों का मुख्य पोषक तत्व माना जाता है यह फसलों को ताकत प्रदान करता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है पोटाश का उपयोग सोयाबीन में करने पर दाना चमकदार व वजनदार होता है इसका उपयोग का सही समय सोयाबीन में फलिया निकलने के बाद या अगर आप चाहे तो इसे शुरुआती समय में भी बेसल डोज में दे सकते हैं पोटाश की कमी के कारण पौधों की पत्तियों के बाहरी किनारों पर पीलापन दिखाई देता है। पोटाश की आपूर्ति के लिए आप 20 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर के मान से अवश्य दें। सोयाबीन में पोटाश की पूर्ति आप स्प्रे के माध्यम से 13:00:45 या 00:00:50 का स्प्रे करके कर सकते हैं

पोटाश का उपयोग एवं मात्रा

फसल का नाम – सोयाबीन की फसल
उपयोग के फायदे – सोयाबीन के दाने को वजनदार व चमकदार बनाता है
मात्रा/एकड़ – पत्तियों पर छिड़काव:- 500 ग्राम से 1 किलोग्राम 200 लीटर

सारांश

किसान भाइयों इस पोस्ट के माध्यम से आज हमारे द्वारा आपको सोयाबीन के दो मुख्य पोषक तत्वों के बारे में जानकारी प्रदान की गई है यदि जानकारी आपको अच्छी लगी है तो आप इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें एवं ऐसे ही खेती-बाड़ी, मंडी भाव, मंडी अवकाश सूचना आदि की जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं।

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