लहसुन में 25 से 45 दिन की अवस्था में डालें यह खाद, होगा बंपर उत्पादन
Lahsun Me Konsa Khad Dale: नमस्कार किसान भाइयों जैसा कि आप सभी को बताएं कि अभी लहसुन की बुवाई का समय चल रहा है एवं कई किसानों ने लहसुन की फसल लगा दी है ऊटी लहसुन भी किसान भाई लगा चुके हैं लहसुन में बेसल डोज में कौन सा खाद डालें यह जानकारी हमारे द्वारा पिछली पोस्ट में दे दी गई थी आज हम आपको बताएंगे कि लहसुन में 25 से 45 दिन की अवस्था में कौन सा खाद डालें जिससे कि लहसुन की फसल हरी भरी रहें एवं पूर्णतया जड़ विकास हो, जानकारी के अभाव के कारण कई किसान भाई खाद को सही समय पर नहीं दे पाते हैं जिससे कि वह खाद सही समय पर नहीं देने से वेस्ट हो जाता है।किसान भाइयों आज इस पोस्ट के माध्यम से हम जिन खाद के बारे में आपको बताएंगे यदि उनका उपयोग आप 25 से 45 दिन के भीतर करते हैं तो लहसुन से आपको अच्छी पैदावार तो मिलेगी ही साथ ही आपकी लहसुन की फसल में जड़ों का विकास अच्छे से होगा एवं फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। यह समय फसल के लिए प्रारंभिक बाधवार का समय होता है इस समय लहसुन की फसल के लिए यह खाद बेहद आवश्यक होता है।
किसान भाइयों अब बात करते हैं कि 25 से 45 के दिन के भीतर लहसुन में कौन सा खाद दें, यह समय लहसुन के प्रारंभिक बाधवार का समय होता है इस समय जड़ों का भी विकास होता है इस समय हमें लहसुन की फसल में ट्राइकोडर्मा, ह्यूमिक एसिड एवं माइकोराइजा देना चाहिए इन तीनों को हम किसी भी प्रकार के खाद के साथ मिलाकर दे सकते हैं इन्हें फसल में देने का बेहतर उपाय केचुआँ की खाद या किसी भी कार्बनिक खाद में मिलाकर देना चाहिए एवं खेत में डालने के बाद तुरंत उसमें पानी छोड़ना चाहिए।
ट्राइकोडर्मा (Trichoderma)
ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल खेत में लहसुन की बुवाई करते समय गोबर में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. ट्राइकोडर्मा से लहसुन की फसल में लगने वाली फंगस व सड़न रोग को रोका जा सकता है. ट्राइकोडर्मा एक जैव-कवकनाशी है और विभिन्न प्रकार की कवक जनित बीमारियों को रोकने में मदद करता है, ट्राइकोडर्मा एवं फँफूद नाशक का प्रयोग एक साथ कभी न करें।