Matar Ki Kheti: अगर आप भी मटर की अगेती खेती करना चाहते हैं तो सितंबर का महीना मटर की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. इसके लिए आप सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. अगेती मटर की खेती से किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा रहे है जिसके चलते इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. अगेती मटर की किस्म की बुआई के लिए सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर के प्रथम व द्वितीय सप्ताह तक की जाती है.
मटर की फसल की बुवाई करने के 50 से 60 दिनों बाद इसकी पौधों से फलियों की तुड़ाई की जा सकती है। पैदावार की बात करें तो कच्ची फली की पैदावार प्रति हेक्टेयर 90 से 150 क्विंटल हो जाती है। इस तरह अगर 30 रुपए प्रति किलोग्राम कच्ची फली किसान बेचते हैं तो किसान की 150 क्विंटल फसल की रेट 4 लाख 50 हजार रुपए होगी।
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मटर की सबसे बेस्ट 5 वेरायटी Matar Ki Kheti
अगर आप किसान हैं और इस सितंबर महीने में मटर की खेती करना चाहते हैं, इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, मटर की खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान भाईयों को हमेशा मटर की उन्नत किस्मों का ही चयन करना चाहिए।
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आर्केल मटर
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काशी नंदिनी मटर
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पूसा श्री मटर
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पंत मटर 155 मटर
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अर्ली बैजर मटर
आर्केल मटर
आर्केल मटर के लिए ठंडे मौसम की ज़रूरत होती है. आर्केल मटर की किस्म यूरोप से आई है. यह मटर की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है. इसकी फलियां आठ से 10 सेंटीमीटर लंबी होती हैं, एक हेक्टेयर में आर्केल मटर की पैदावार 80-90 क्विंटल तक हो सकती है आर्केल मटर की फलियां बुवाई के करीब 60 से 65 दिनों में तोड़ी जा सकती हैं.
काशी नंदिनी मटर
काशी नंदिनी मटर भारतीय सब्ज़ी अनुसंधान संस्थान वाराणसी द्वारा विकसित की गई एक अगेती किस्म है, बुवाई के 32 दिनों बाद इसके पौधों पर पहला फूल आता है, एक पौधे पर 7-8 फलियां लगती हैं. इस किस्म की फ़सल से प्रति हेक्टेयर 110-120 क्विंटल मटर का उत्पादन किया जा सकता है, काशी नंदिनी मटर की बुवाई के बाद 60-65 दिनों में इसकी फलियां तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं.
पूसा श्री मटर
यह एक उन्नत किस्म है और इसकी खेती से अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है बुआई का सही समय अक्टूबर के आखिरी हफ़्ते से नवंबर के पहले हफ़्ते का होता है, ये किस्म बुवाई के 45 से 50 दिनों बाद फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है, इसकी प्रत्येक फली से 6 से 7 दाने निकलते हैं। वहीं इससे प्रति एकड़ 20 से 21 क्विंटल हरी फलियां प्राप्त होती है
पंत मटर 155 मटर
इसकी बुवाई से 30 से 35 दिनों के अंदर ही इसमें फूल आने लगते हैं, जबकि यह फसल 50 से 55 दिनों में तैयार हो जाती है मटर की यह अगेती किस्म बुवाई के 120 से 130 दिनों में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है। इसकी बुवाई से 30 से 35 दिनों के अंदर ही इसमें फूल आने लगते हैं, पंत मटर 155 (Pant Matar 155) प्रजाति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है,
अर्ली बैजर मटर
अर्ली बैजर मटर एक विदेशी किस्म की मटर है इसकी फसल लगभग 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, इससे प्रति हेक्टेयर 10 टन के आस-पास पैदावार मिल सकती है यह मटर की एक अगेती किस्म है, जो बहुत कम दिनों में तैयार हो जाती है, इस किस्म की मटर की फलियों में औसतन 5 से 6 दाने पाए जाते हैं यह मटर की एक लोकप्रिय किस्म है, इसकी फलियों में बनने वाले बीज झुर्रीदार होते हैं.
Disclaimer:-
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