MP Gehu Kharidi 2025: समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु 15 मार्च से शुरू होगी खरीदी

MP Gehu Kharidi 2025 (Madhya Pradesh Wheat Procurement 2025): मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तारीखों में बदलाव किया गया है. प्रदेश में गेहूं की खरीदी एक मार्च से की जानी थी. पर अब प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 15 मार्च, 2025 से कि जाएगी. सबसे पहले इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग से गेहूं का उपार्जन किया जाएगा. वहीं बाकी संभागों में 17 मार्च, 2025 से गेहूं की खरीदी होगी. गेहूं की फसल कटाई पूरी नहीं होने और मंडियों में आ रहे गेहूं में नमी अधिक होने के कारण उपार्जन की तारीख आगे बढ़ाई गई है. वहीं 2600 रुपये के समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जित किया जाएगा.

बता दें कि मोहन सरकारने किसानों की मांग पर गेहूं उपार्जन की तारीखों में परिवर्तन किया है. साथ ही किसानों को इस बार प्रति क्विंटल 175 रुपये बोनस दिया जाएगा.

MP Gehu kharidi 2025

गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी MSP 2024-25

रबी विपणन वर्ष 2025-26 में भारत सरकार की ओर से समर्थन मूल्य में 150 प्रति क्विंटल की वृद्धि करते हुए 2425 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों से 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जाएगी.

किसानों को मिलेगा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस

मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य 2425 रुपये के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है. ऐसे में अब राज्य के किसानों को 2,600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. गेहूं खरीदी के लिए प्रदेश में 4000 उपार्जन केंद्र बनाये जाएंगे.

31 मार्च तक कर सकेंगे किसान गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन

जिन किसानों ने अबतक गेहूं उपार्जन के लिए रबी विपणन वर्ष 2025-26 में पंजीयन नहीं करवाया है तो वो 31 मार्च 2025 तक करवा सकते हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में अबतक 2.98 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवा लिया है.

MSP 2024-25

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MSP 2024-25

MSP 2024-25 Rabi – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के अन्नदाताओं की खुशहाली और बेहतरी के लिये नित नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अन्नदाताओं के प्रति असीम स्नेह सरकार की योजनाओं में भी निरंतर दिखाई दे रहा है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिये गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रूपये घोषित किया गया है। यह गत वर्ष से 150 रूपये अधिक है। हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गेहूं पर 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है जिससे किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य पर ₹2600 प्रति क्विंटल से खरीदा जाएगा। एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने यह भी कहा कि जल्द ही गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया जाएगा।

MSP 2024-25 rabi

केंद्र सरकार ने 16 अक्टूबर को रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया। सबसे ज्यादा इजाफा सरसों-तिलहन में 300 रुपए किया गया। गेहूं में 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया। इस तरह गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपए क्विंटल हो गया है। जौ, चना, मसूर, कुसुम की MSP में भी बढ़ोतरी की गई है। ये फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया गया।

विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2024-25 Rabi

(रुपये प्रति क्विंटल)
गेहूं की एमएसपी – 2275 रुपये से बढ़ाकर 2425 रुपये
जौ की एमएसपी – 1850 रुपये से बढ़ाकर 1980 रुपये
चना की एमएसपी – 5440 रुपये से बढ़ाकर 5650 रुपये
मसूर की एमएसपी – 6425 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये
रैपीसीड/सरसों की एमएसपी – 5650 रुपये से बढ़ाकर 5950 रुपये
कुसुम की एमएसपी – 5800 रुपये से बढ़ाकर 5940 रुपये

समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये विभाग द्वारा तैयारी

रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिये अब किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये विभाग द्वारा तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है। इसके अंतर्गत गेहूं उपार्जन के लिए बारदाना, भंडारण, परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू् मापदण्ड के गेहूं उपार्जन के लिए केन्द्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था की जाएगी। गेहूं की गुणवत्ता के परीक्षण के लिये सर्वेयर को सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विगत वर्ष 6 लाख 16 हजार किसानों द्वारा 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय समर्थन मूल्य पर किया गया। गेहूं उपार्जन के लिये किसानों की सुविधानुसार कुल 3694 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए। उपार्जित गेहूं के परिवहन, हैण्डलिंग एवं किसानों के शीघ्र भुगतान के लिये 2199 उपार्जन केन्द्र गोदाम स्तर पर स्थापित किए गए। शेष 1495 उपार्जन केन्द्र समिति स्तर पर स्थापित किए गए। किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में समर्थन मूल्य राशि के सीधे भुगतान की व्यवस्था की गई थी।

MSP क्या है या मिनिमम सपोर्ट प्राइस?

न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है, जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे, सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।


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